भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट के डिजाइन को 19 मई 2016 को हुई अपनी बैठक में मंजूरी दी थी। कार्यकर्ता जितेंद्र गाडगे के आरटीआई आवेदन के जवाब में केंद्रीय बैंक ने यह जानकारी दी है।
हालांकि बैंक ने आरटीआई कानून की धारा 8 (1) का हवाला देते हुए यह बताने से इनकार कर दिया है कि डिजाइन को मंजूरी देने वाले गवर्नर का नाम क्या था। आवेदन में यह पूछा गया था कि नए नोटों के डिजाइन को कब और किसने मंजूरी दी थी?
भाषा की खबर के अनुसार, आरबीआई ने यह भी स्वीकार किया है कि नोटबंदी के बाद से नकली नोटों की संख्या का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल वी.गलगली ने एक आरटीआई दाखिल कर इसकी जानकारी मांगी थी. आरबीआई के मुद्रा प्रबंधन विभाग (जाली नोट सतर्कता प्रभाग) ने इस आरटीआई के जवाब में कहा, अभी हमारे पास इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
गलगली ने आरबीआई से पूछा था कि वह 8 नवंबर से 10 दिसंबर 2016 के बीच जब्त किए गए नकली नोटों, बैंकों के नाम, तारीख आदि की जानकारी साझा करे।