नोटबंदी का असर? ट्विटर पर 3 लाख लोगों ने मोदी को अनफॉलो किया

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नोटबंदी

लगता है कि कालेधन पर लगाम लगाने के लिए 1000 और 500 रुपये के नोटबंदी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा उनके लिए उलटी साबित हो गई है। आलम यह हो गया है कि पीएम मोदी को नापसंद करने वाले लोग न केवल बाजार और सड़कों पर हैं बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर भी इसका असर देखने को मिला।

आठ नवंबर की रात की गई घोषणा के अगले दिन यानी नौ नवंबर को नरेंद्र मोदी के ट्विटर फॉलोअर्स की संख्या में तीन लाख से भी ज्यादा की कमी आ गई। माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट के हर उतार-चढ़ाव पर नजर रखने वाली ट्विटर काउंटर नामक वेबसाइट के मुताबिक इस दिन (9 नवंबर को) आश्चर्यजनक रूप से नरेंद्र मोदी के 3 लाख 13 हजार ट्विटर फॉलोअर्स ने उन्हें अनफॉलो कर दिया।
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उपरोक्त ग्राफ के जरिए मोदी के ट्विटर समर्थकों में आई तेज गिरावट को सममझा जा सकता है. सोशल मीडिया एनालिटिक्स पर नजर रखने वाली एक अन्य वेबसाइट ट्रैकेलिटिक्स के मुताबिक भी मोदी के ट्विटर फॉलोअर्स की संख्या में एक दिन में 3 लाख 18 हजार की गिरावट देखी गई.

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बता दें कि 23 लाख 80 हजार फॉलोअर्स के साथ मोदी देश में ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो की जाने वाली शख्सियत हैं। मोदी के पीछे दूसरे पायदान पर उनके करीब ही बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन हैं जिनके फॉलोअर्स की संख्या 23 लाख 30 हजार है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फॉलोअर्स की संख्या में आई कमी इसलिए चौंकाने वाली है क्योंकि बीते काफी वक्त से इसमें लगातार बढ़ोत्तरी हो रही थी।
नवंबर में ही औसतन रोजाना मोदी के ट्विटर फॉलोअर्स की संख्या में 25 हजार का इजाफा हो रहा था। 1000-500 के करेंसी नोटों को बंद करने की घोषणा वाले दिन यानी 8 नवंबर को यह संख्या और ज्यादा बढ़ते हुए 50 हजार के करीब पहुंच गईं थी। लेकिन उस रात को मोदी द्वारा की गई घोषणा के बाद ट्विटर फॉलोअर्स का गुस्सा शायद ट्विटर पर देखने को मिला।

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