
लोगों के लाभ के लिए लिया गया फैसला सरकार पर इतना भारी पड़ा कि हर जगह उनपर सवाल उठने शुरु हो गए। ऐसी कोई भी पार्टी नहीं होगी जिसने सरकार पर इस मुद्दे को लेकर सवाल नहीं उठाए हो। इस फैसले के बाद विपक्ष ने एक दिन भी संसद की कार्यवाही नहीं होने दी। उन्होंने हमेशा यही कहा कि पीएम इस फैसले का जवाब दे, तभी संसद को आगे चलने दिया जाएगा। लेकिन इतने दिनों में एक बार भी ऐसा नहीं हुआ। पीएम संसद में जरुर आए लेकिन सवालो का जवाब नहीं दिया।
कई सवाल उठे लेकिन जवाब एक का भी नहीं दिया गया। इतना ही नहीं बल्कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने नोटबंदी की वजह से मरने वालों की तुलना उरी हमले से की जिसपर कई आलोचनाएं हुई। इतना ही नहीं बल्कि सरकार पर ये भी सवाल उठे कि नोटबंदी के फैसले के बारे में दो बड़े उद्योगपतियों को पहले से जानकारी थी। लेकिन सरकार ने इस सवाल को गलत ठहराया है।































































