केंद्र सरकार के एक फैसले ने देश की अर्थव्वस्था को पुरी तरह से उथल-पुथल कर दिया है। नोटबंदी के बाद हर कोई अपना काम छोड़कर बैंको की लाइन में लगा हुआ है। किसी को पैसे जमा कराने है, तो किसी को जरूरत के लिए पैसे निकालने है। लेकिन इन सबके लिए भी लोगों को रोज कड़ी मश्कत करनी पड़ रही है।
अब तो आलम यह हो गया है कि बैंको की लाइन में ज्यादा देर तक खड़े रहने के बाद लोगों की जान तक जा रही है। किसी के पास तो अंतिम संस्कार के भी पैसे नहीं है वह पहले बैंक जाकर पैसे निकालते है फिर कही जाकर अंतिम संस्कार किया जाता है। इतना ही नहीं इसका असर शादी पर भी पड़ रहा है, लोग अपने शादी के काम छोड़कर कार्ड लेकर लाइन में अपने नंबर का इंतजार करते है, ताकि उन्हें शादी के लिए कुछ धनराशि मिल सके। इससे शादी कारोबारीयों पर भी बहुत असर पड़ा है। जहां शादी के सीजन में उनके पास एक दिन भी खाली नहीं रहता था, अब वह पूरी तरह खाली बैठे है।
इसका असर देश के कारोबार पर भी बहुत बुरी तरह पड़ा है। जो होटल और गेस्ट हाऊस विदेशियों से भरे हुए रहते थे। उनके अधिकतम रूम खाली पड़े है। पहाड़गंज, करोलबाग और महिपालपुर जैसे इलाकों में स्थित बजट होटलों और गेस्ट हाउसों में विदेशी टूरिस्ट तो आ ही नहीं रहे हैं। जो यहां ठहरे भी थे, उनमें से भी अधिकतर यहां से जा रहे है। दिल्ली होटल महासंघ के प्रेजिडेंट अजय अग्रवाल का कहना है कि विदेशी टूरिस्टों में 60 फीसदी की कमी आई है।