उनके मददगारों पर नजर रखी जाये। वैसे भी 2002 में प्रतिबंध लगने के बाद सिमी ने नया चोला ओढ़कर कर नाम इंडियन मुजाहिदीन रख लिया है। जिसने 2005 तक देश में लगातार विस्फोट कराये और उसके बाद अब उसके तमाम लोग स्लीपिंग माड्यूल की तरह काम कर रहे हैं। जिसकी बानगी दो वर्ष पहले बिजनौर में एक घर के अंदर विस्फोट के बाद सामने आई थी।
सिमी के साथ ही करीब दस वर्ष पहले क्रिकेट मैच देखने के नाम पर वीजा लेकर भारत आये पाकिस्तानी नागरिक भी अब सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं। यह लोग भारत आये तो लेकिन वापस नहीं गए। इनकी संख्या करीब 400 के करीब है। रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि पासपोर्ट लेकर आये पाकिस्तानियों से देश को खतरा कम ही रहा है। हमेशा वारदातों में वही आतंकी पकड़े गए जिन्होंने नेपाल या बंग्लादेश के जरिए फर्जी पासपोर्ट बना कर घुसपैठ की थी।
अब देश के लिए सिमी से गायब 80 सदस्य और पाकिस्तान से भारत आए 400 से ज़्यादा लापता लोगों ने देश की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर वैसे दलजीत चौधरी ने बताया कि इस मामले के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस बेहद सर्तक है। हम प्रदेश की सीमा के साथ ही अंदर भी लगातार निगरानी में लगे हुए हैं।