राजनीतिक पार्टियों के चंदे पर छिड़ी बहस के बीच एडीआर की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राजनीतिक पार्टियों के चंदे का 69 फीसदी हिस्सा अघोषित स्रोतों से आता हैं जिसकी जानकारी वह चुनाव आयोग और आयकर विभाग को नहीं देते हैं। 2004-से 2015 के अधिकांश वक्त सत्तारूढ़ रही कांग्रेस पार्टी को सबसे ज्यादा 3982 करोड़ रूपये मिले जिसमें 3323 करोड़ रूपये यानि क़रीब 83 फीसदी पैसों के स्रोत का अता पता नहीं है। वहीं केंद्र में फिलहाल सत्तारूढ़ बीजेपी को 2004-05 से 2014-15 के बीच कुल 3272 करोड़ रूपये चंदे के तौर पर मिले जिसमें 2126 करोड़ रूपये, यानि तक़रीबन 65 फीसदी, का स्रोत मालूम नहीं है।
आंकड़ों के मुताबिक 2004-05 से 2014-15 के बीच देश में सभी राजनीतिक दलों ने कुल 11367.34 करोड़ का चंदा मिलने का दावा किया है। इस चंदे के 69 फीसद यानी 7833 करोड़ के स्त्रोत की जानकारी उन्होंने नहीं दी है। बता दें, कानून के मुताबिक राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे में 20 हजार से कम के चंदे को घोषित करने से छूट मिली हुई है। चंदे के खेल में इसी छूट के जरिए राजनीतिक दल भारी गड़बड़ी करते है।
एडीआर के आंकड़ों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी का निर्माण के वक्त उसके शीर्ष नेताओं ने वादा किया था कि पार्टी भ्रष्टाचार को मिटाने की दिशा में काम करगी और पूरी तरह से पारदर्शी होगी। अगर बात करें पिछले तीन सालों की 2013-2015 में आप को 110 करोड़ रुपए मिले। उसमें से 57 प्रतिशत पैसा अज्ञात स्त्रोतों से आया। इसके अलावा सीपीएम को कुल 893 करोड़ रुपए मिले जिसमें से 53 प्रतिशत अज्ञात स्त्रोतों से थे। उसे यह पैसा उसे पिछले 11 सालों में मिला। समाजवादी पार्टी को मिले चंदे का 94 फीसदी और अकाली दल को मिले चंदे की 86 फीसदी आय अघोषित स्रोतों से जमा हुई है