संसद में लगातार तीसरे सप्ताह भी नोटबंदी के मुद्दे को लेकर हंगामा जारी। जिस वजह से सदनों का कामकाज नहीं चल पा रहा। इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि संसद में जो भी सांसद और दल हंगामा कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लोकसभा में विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे हंगामे के बीच लालकृष्ण आडवाणी ने संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार से कहा, ‘ये चर्चा नहीं कर रहे, रोज-रोज हंगामा करते हैं… या तो कोई रास्ता निकले या स्पीकर उनको बाहर करें।’ आडवाणी ने यह भी कहा कि जो सांसद हंगामे से बाज नहीं आते उनका वेतन काट लिया जाना चाहिए।
शून्यकाल के दौरान जब दोपहर में 12 बजकर 45 मिनट पर सदन की कार्यवाही स्थगित हुई तो आडवाणी ने पास खड़े सदस्यों से जानना चाहा कि कितने बजे तक के लिए सदन स्थगित हुआ है। इस पर उन्हें बताया गया कि सदन दो बजे तक के लिए स्थगित हुआ है। इस पर आडवाणी भड़क उठे।
आडवाणी ने कहा कि हंगामा करने वालो का वेतन रोका जाए। उन्होंने तमतमाते हुए जोर से कहा कि यह बहुत लज्जाजनक बात है। लोकसभा अध्यक्ष सदन नहीं चला रही हैं और संसदीय कार्य मंत्री भी सदन नहीं चला रहे हैं। सदन अपने आप से ही चल रहा है। विपक्षी सदस्यों की सदन को चलने देने में बिल्कुल भी रुचि नहीं हैं।
आडवाणी ने इसके लिए न सिर्फ विपक्ष बल्कि सरकार को भी जमकर फटकार लगाई। आडवाणी को गुस्से में देख अनंत कुमार उनके पास पहुंचे और उन्हें ऊपर प्रेसदीर्घा में मौजूद पत्रकारों की मौजूदगी का हवाला देते हुए धीरे बोलने का अनुरोध किया। इस पर आडवाणी ने कहा कि वह बाहर सार्वजनिक रूप से यह बात कहेंगे। इस पर कुमार ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि विपक्ष की जिद के कारण सदन नहीं चल पा रहा है, तो आडवाणी ने गुस्से से कहा कि दोनों ही इसके लिए जिम्मेदार हैं। बाद में संसदीय कार्य राज्य मंत्री एसएस आहलूवालिया उन्हें मनाकर सदन के बाहर ले गए।