नई दिल्ली। रेल के इतिहास में पहली बार सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि यात्रियों से रेल टिकट पर सब्सिडी छोड़ने की मांग की जाए। सरकार का कहा है कि यात्री जिस मूल्य के टिकिट पर सफर कर रहे हैं वो लागत मूल्य से आधे खर्च का है। ये बात जन-जन तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने अब रेल टिकट पर ये लिखना भी शुरू कर दिया है कि यात्रियों द्वारा दिये गए भाड़े से रेलवे की कुल 57 प्रतिशत लागत ही निकल पाती है।
रेल बोर्ड के प्रवक्ता ने बताया की ये कोशिश यात्रियों को जागरुक करने के लिए की जा रही है। उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिए की उनके द्वारा दिया गया किराया लागत से बहुत कम है और उन्हें इस मामूली किराए में ज़्यादा से ज़्यादा सहूलियतें दी जा रही हैं।
पंजाब केसरी की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में ही कहा कि जिस प्रकार जनता ने गैस सब्सिडी का स्वागत किया उसी तरह उनसे स्वेच्छा से रेल सब्सिडी छोड़ने के बारे में कहा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि साल 2016 के रेल बजट के बाद रेलवे ने सुविधाओं के नाम पर टिकट के दामों में इज़ाफा किया था, हालांकि दाम बढ़ने के बाद सुविधाओं में कितना बदलाव हुआ ये तो जनता ही जानें लेकिन जिस तरह स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने की मांग पर सरकार विचार कर रही है…देखना दिलचस्प होगा कि जनता पर सरकार की इस मांग का क्या असर होता है।