केजरीवाल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने जो कुछ कहा है उससे स्थिति ठीक उलट है। गरीब सो नहीं पा रहे हैं। वे लोग बैंकों के बाहर रातें गुजार रहे हैं। सिर्फ मोदी जी के मित्रों को चैन की नींद आ रही है। उन्होंने कड़क चाय के नाम पर गरीबों को जहर पीने को मजबूर कर दिया।’ गौरतलब है कि मोदी जी ने आज उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में कड़क चाय के बारे में टिप्पणी की थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खाने की चीजों, दवाइयों जैसी जरूरत की मूलभूत चीजों को खरीदने के लिए लोगों को रूपये पाने के लिए मशक्कत करते देख दुखी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जरूरतमंदों के लिए पका पकाया भोजना का बंदोबस्त करने का विकल्प तलाश रही है। इस सिलसिले में उन्होंने डिवीजनल कमिश्नर को अगले दो तीन दिनों में संभावना तलाशने को कहा है ताकि लंगर लगाया जा सके।
दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव ने भी यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया है कि दिल्ली सरकार चालित अस्पतालों में कोई दिक्कत नहीं हो। केजरीवाल के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मिलने की संभावना है जो केंद्र के इस कदम का मुखर विरोध कर रही हैं। वह मंगलवार (15 नवंबर) को दिल्ली पहुंचेंगी। उन्होंने कहा, ‘यह भाजपा के खातों से देश के कालाधाना का 50 फीसदी हस्तांतरित करने का एक तंत्र है। मकसद उत्तर प्रदेश चुनाव है। यदि वे कालाधन के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते थे तो उन्हें स्विस बैंक खाताधारकों और जाली नोट छापने वालों को गिरफ्तार करना चाहिए था।’ केजरीवाल ने कहा कि मोदी के तीन सबसे अच्छे मित्र हैं…अंबानी, अडानी और शरद पवार।
उन्होंने कालाधन से निपटने के लिए कल (रविवार, 13 नवंबर) पवार का आशीर्वाद लिया। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है। उन्होंने पूछा कारोबारी अपना कारोबार कैसे जारी रखेंगे जब नकद निकासी की सीमा इतनी कम है। उन किसानों का क्या होगा जो अगले हफ्तों में अपनी फसल काटने वाले हैं।