नोटबंदी के बाद से ही पूरे देश में अफ़रा तफ़री का माहौल है। नोट के लिए पूरे देश में बैंको के बाहर लंबी लंबी लाइने लगी हैं। सरकार के इस फ़ैसले पर कुछ लोगों को नाराजगी भी है। कुछ लोगों की नारागजी बैंकों पर भी है। बैंकों पर लोग धीरे काम करने या काम में जानबूझ कर देर करने का आरोप लगा रहे हैं। राजनीतिक पार्टियां भी इस मौके को भुनाने में लगी हुई हैं।
इन सबके बीच बैंक में काम करने वाले राहुल सिंह नाम के एक व्यक्ति ने एक पोस्ट शेयर की है। राहुल के फ़ेसबुक पेज के मुताबिक वो हैदराबाद में इंडियन ओवरसीज बैंक में कार्यरत हैं। राहुल ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि “..यकीन मानिए कि दिक्कत बहुत ज्यादा हो रही है, सुबह पब्लिक से 1 घंटा जल्दी ब्रांच पहुचना…दिन भर, घंटों से सामने खड़ी पब्लिक के सामने बोतल उठाकर पानी पीने तक में शर्म आती है,…
चाय वाला जितनी बार पूंछ कर गया कि “साहब चाय ?”, हर बार उसे मना किया, कि लोगों को कैसा लगेगा…लंच के लिए सीट से बहुत गहरे संकोच के साथ उठना पड़ा..और अर्धरात्रि के बाद ही भोजन नसीब होना, बस कुछेक घंटो की नींद और फिर से अगले दिन के लिए तैयार हो जाना..
पर, इन सब परेशानियों के बावजूद, सरकार के निर्णय पर उत्साह है.. क्योंकि सरकार की नीयत के बारे में पता है, हमें, आपको और बच्चे बच्चे को। यकीन मानिए, यही काम अगर मनमोहन या कांग्रेस के टाइम में हों रहा होता तो हम आज सरकार को कोस रहे होते, क्योंकि नीयत में फर्क समझ आता है. सैनिक को सेनापति पर विश्वास होता है तो वो जान की बाजी लगा देता है, इसमें सैनिक की प्रशंसा नहीं, सैनिक की बड़ाई नहीं, सेनापति का महात्म्य है।
लहरें किनारा ढूंढती है.. देशभक्ति, समर्पण, विश्वास और जनभावना एक “लीडर” ढूंढती हैं, जो अब हमारे पास है ।”