अमर्यादित बयान पर बुरे फंसे दयाशकंर, अब महिला आयोग ने भी मांगा जवाब

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बीजेपी के उत्तर प्रदेश के बर्खास्त उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह द्वारा बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के बारे में दिए गए अमर्यादित बयान को उप्र राज्य महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान में लिया और प्रशासनिक अधिकारियों को एक दिन में रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने मऊ में टिकट बिक्री के मामले को लेकर बीएसपी प्रमुख मायावती पर अर्मादित टिप्पणी की थी। उन्होंने जो शब्द कहा, सभ्य भाषा में उसका अर्थ ‘यौनकर्मी’ है।

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बीजेपी नेता के ओछे बयान पर राज्यसभा में भी सत्तापक्ष की ओर से मायावती से माफी मांगी गई, फिर भी हंगामा नहीं थमा। इसके बाद बीजेपी ने दयाशंकर को पहले सारे पदों से हटाया, फिर पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। वहीं देर रात दयाशंकर के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया। अगले दिन गुरुवार को बीएसपी कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 36 घंटे का अल्टीमेटम देकर अपना प्रदर्शन को खत्म कर दिया, लेकिन रोष अभी खत्म नहीं हुआ है। अब इस मामले को उप्र राज्य महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान में ले लिया है और प्रशासनिक अधिकारियों से कार्यवाही करने और उसकी रिपोर्ट देने को कहा है।

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इस बारे में उप्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी ने कहा कि बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रहे दयाशंकर सिंह द्वारा प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीएसपी अध्यक्ष के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का शब्द सम्पूर्ण नारी जगत के लिए शर्मनाक व दुखद है। उन्होंने बताया कि इस मामले को राज्य महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान में लिया है। आयोग ने जिलाधिकारी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, लखनऊ को नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कराने के साथ की गई कार्यवाही की रिपोर्ट एक दिन में ही आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

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