योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है की तीन तलाक को सही साबित करने के लिए जो लोग कुरान शरीफ का हवाला दे रहे हैं वे दरअसल इस्लाम और कुरान का अपमान कर रहे हैं।
लखनऊ में तीन दिन तक चलने वाले योग महोत्सव के पहले दिन रामदेव ने कहा कि किसी भी महिला के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी मजहब की हो। उन्होंने कहा कि जिसे भी न्यायपालिका पर भरोसा है वह कभी तीन तलाक की हिमायत नहीं कर सकता।
क्या कहता है आॅल इंडिया मुस्लिम पसर्नल लाॅ बो़र्ड
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि मुसलमानों में प्रचलित तीन तलाक, ‘निकाह हलाला’ और बहुविवाह की प्रथाओं को चुनौती देने वाली याचिकाएं विचारयोग्य नहीं हैं क्योंकि ये मुद्दे न्यायपालिका के दायरे में नहीं आते हैं। बोर्ड का कहना है कि इस्लामी कानून, जिसकी बुनियाद अनिवार्य तौर पर पवित्र कुरान एवं उस पर आधारित सूत्रों पर पड़ी है, की वैधता संविधान के खास प्रावधानों पर परखी नहीं जा सकती है। इनकी संवैधानिक व्याख्या जबतक अपरिहार्य न हो जाए, तबतक उसकी दिशा में आगे बढ़ने से न्यायिक संयम बरतने की जरूरत है।
गर्भवती महिला ने प्रधानमंत्री को तीन तलाक खत्म करने के लिए लिखा था पत्र
बता दें पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की रहने वाली एक महिला ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसे खत्म करने के लिए कहा है। तीन तलाक का दंश झेलने वाली यह महिला गर्भवती है और दो बच्चों की माँँ है। पुलिस ने महिला के पति, देवर व दो ननदोई के विरूद्ध मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। शगुफ्ता नाम की इस महिला ने प्रधामनंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा है कि उसका निकाह पांच वर्ष पूर्व गंगोह के शमशाद के साथ हुआ था । दों बेटियों के होने के कारण उसके ससुराल वाले नाराज थे और अब तीन माह की गर्भवती होने पर उसके ससुराल वाले उसका गर्भ गिरवाना चाहते हैं।