टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम नूर उर रहमान बरकती को देश के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी करने की वजह से पद से बर्खास्त कर दिया गया है। कुछ दिनों पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने सरकारी गाड़ियों से लाल बत्ती हटाने का आदेश दिया था। जिसके बाद बरकती ने उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया था।
मस्जिद बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के प्रमुख शाहज़ादा अनवर अली शाह ने कहा था कि हमारी अपने अधिवक्ताओं के साथ इस मामले में अंतिम चरण की बातचीत चल रही है। शाह ने कहा था कि बरकती के देश विरोधी बयान को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
बरकती ने हमारे समुदाय के साथ धोखा किया है और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उनके बयान ने देश और समुदाय को नुकसान पहुंचाया है, जिसमें कि सचाई तो यह है कि वे आरएसएस जैसी ताकतों को बढ़ावा दे रहे हैं। शाह ने कहा था कि बरकती की ऐसी हरकतों को देखकर मस्जिद बोर्ड ने फैसला किया है कि उन्हें अब इमाम पद से हटा देना चाहिए। शाह ने कहा था कि बरकती पर यह भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपने निजी कामों और अपने बिजनेस के लिए मस्जिद परिसर का गलत रूप से इस्तेमाल किया है।
गौरतलब है कि बरकती को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। इतना ही नहीं उनको कई बार तृणमूल कोंग्रेस की रैलियों में भी देखा गया है। लाल बत्ती के मुद्दे पर बरकती ने यह भी कहा था कि बत्ती न हटाने के लिए उनसे ममता बेनर्जी ने ही कहा था। वहीं विवाद को बढ़ता देख बरकती ने लाल बत्ती अपनी गाड़ी से हटा ली थी। बता दें कि बरकती ने अपनी गाड़ी से लाल बत्ती हटाने के लिए यह कहकर मना कर दिया था कि वह एक धार्मिक नेता हैं और वह कई दशकों से लाल बत्ती का इस्तेमाल कर रहे हैं।