नयी दिल्ली,
घाटी में अखबारों के प्रकाशन पर पाबंदी लगाने के फैसला पर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मंजूरी नहीं ली गई थी और यह स्थानीय स्तर पर लिया गया होगा। मुख्यमंत्री के सलाहकार अमिताभ मट्टू ने यह दावा किया है। एक चैनल के परिचर्चा में मट्टू ने कहा कि वे खुद संपादकों के घर गए और अखबारों पर कथित पाबंदी को लेकर माफी मांगते हुए कहा कि कहीं ना कहीं कुछ गलतफहमी हुई होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि कल से घाटी में अखबारों का प्रकाशन बहाल हो जाएगा और वे बगैर सेंसरशीप या किसी तरह के पाबंदी के अपने मनमाफिक प्रकाशित होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि कोई पाबंदी नहीं है। मुझे लगता है कि कुछ गलतफहमी हुई है, बेशक कफ्र्यू लागू था लेकिन अखबार प्रकाशित हो सकते थे, चाहे वे ऑनलाइन हों या प्रिंट संस्करण । ’’ उन्होंने कहा कि कभी कभी स्थानीय स्तर पर फैसले लिए जाते हैं जो उस तरह नहीं होते जैसा कि उच्चतम स्तर के प्राधिकार उसकी मंजूरी देते हों। मैं आपको भरोसा दिला सकता हूं कि वैश्वीकरण के दौर में और इंटरनेट तथा संचार के इलेक्ट्रानिक साधन के युग में अब पाबंदी लगाने का कोई रास्ता नहीं है।
हम आपको बता दें कि घाटी में पिछले दो दिनों से कश्मीर की बिगड़ती हालात के कारण अखबारों के प्रकाशन पर रोक लगा दिया गया था।