बहुमत से दूर रहते हुए भी गोवा में सत्ता स्थापित करने चली बीजेपी के सामने नई चुनौती आ खड़ी हुई है। समर्थन देने के लिए तैयार महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) ने रखी शर्त से बीजेपी का केंद्रीय मंत्रिमंडल का समर्थन बदलना पड़ सकता है। वहीं, गोवा में कांग्रेस ऐसा लग रहा है कि जैसे हथियार डाल दिए हों। सरकार बनाने के लेकर अभी तक पार्टी ने दावा नहीं किया है। कांग्रेस को सरकार बनाने के के लिए 3 विधायकों का समर्थन चाहिए। गोवा कांग्रेस प्रभारी दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी सत्ता पाने के लिए सौदेबाजी कर रही है।
MGP के नेता सुधीर ढवलीकर ने मिडियाकर्मियों से बातचीत में कहा है कि वे बीजेपी को सत्ता में आने के लिए तभी समर्थन दे सकते हैं बशर्ते रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को गोवा के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी जाए। MGP के 3 विधायक चुनकर आए हैं। ढवलीकर गोवा में मिडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को ख़त लिखकर अपनी भूमिका बता दी है।
गोवा में बीजेपी को सत्ता में आने के लिए 9 विधायकों की जरुरत है। ऐसे में अपने पुराने सहयोगी MGP का मिलता समर्थन नकारने का मतलब होगा कि, बीजेपी सत्ता की दौड़ से दूर हो जाए। ढवलीकर के मनोहर पर्रिकर और बीजेपी से बरकरार रिश्तों में खटास तब आयी जब लक्ष्मीकांत पार्सेकर को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया। पार्सेकर ने MGP के मंत्रियों के ख़िलाफ़ दिए बयान के बाद MGP ने BJP सरकार से समर्थन वापस लिया था। इसके बाद MGP ने शिवसेना और गोवा सुरक्षा मंच के साथ गठजोड़ कर बीजेपी को चुनौती दी। इस गठबंधन की 3 सीट पर ही जीत हुई है। उनके समर्थन से बीजेपी 13 से 16 तक तो पहुँच जाएगी।
MGP के अलावा गोवा फॉरवर्ड भी मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व को लेकर सकारात्मक हैं। इस गुट के पास भी 3 विधायकों का संख्याबल है। गुट नेता विजय सरदेसाई ने गोवा में मिडिया से बातचीत में कहा कि, कांग्रेस के मुकाबले पर्रिकर अच्छे व्यक्ति हैं। कांग्रेस ने गोवा फॉरवर्ड के उम्मीदवारों को प्रताड़ित किया है। ऐसे में कांग्रेस को समर्थन देना कैसे मुमकिन होगा? गोवा फॉरवर्ड के भी समर्थन से बीजेपी बहुमत के और करीब पहुंच जाएगी और उसके पास 19 विधायकों का समर्थन हो सकता है।
गोवा के 3 निर्दलीय, रोहन खंवटे, गोविन्द गावड़े और प्रसाद गांवकर, इनकी भूमिका पर भी सबकी नजरें टिकी हैं। इनमें से सेव गोवा फ्रंट के प्रसाद गावकर को बीजेपी ने समर्थन दे कर चुनाव में उतारा है और जिस से बीजेपी गठबंधन का आंकड़ा 20 तक पहुंच रहा है। जबकि बाकी बचे 2 निर्दलीयों में से रोहन खंवटे पर कांग्रेस ने अपना दांव लगाया है। गोवा प्रभारी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा है कि रोहन खंवटे की कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाक़ात हो चुकी है और वे कांग्रेस के साथ रहेंगे। हालांकि, रोहन खँवटे और एनसीपी के 1-1 विधायक के समर्थन के बाद भी बीजेपी गठबंधन के मुकाबले कांग्रेस गठबंधन 1 विधायक पीछे है।
ऐसे में, अगर बीजेपी को गोवा में सरकार बनानी है तो, केंद्रीय मंत्रीमंडल में फेरबदल कर, मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी से मुक्त करना होगा।