उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों के चुनाव नतीजे 11 मार्च को सामने आ गए। भारतीय जनता पार्टी ने यूपी और उत्तराखंड में एकतरफा जीत दर्ज करते हुए सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही उसे मणिपुर में बड़ा फायदा हुआ है और वह शून्य से 21 पर पहुंच गई। कांग्रेस ने पंजाब में जोरदार वापसी की है। गोवा में भी वह सरकार बनाने के करीब है। लेकिन इसी बीच एक बड़ा सवाल मुस्लिम प्रतिनिधित्व का खड़ा हुआ है। आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे यूपी से केवल 23 मुस्लिम विधायक चुने गए हैं। इनमें से सरकार बनाने जा रही भाजपा से एक भी मुस्लिम विधायक नहीं है।
उत्तराखंड में भी भाजपा से एक भी मुस्लिम विधायक नहीं है। इन चुनावों के मध्य और पश्चिम भारत के राज्यों में मुस्लिम समुदाय से केवल एक मंत्री है। साथ ही सत्तापक्ष की ओर से केवल तीन विधायक है। हालांकि विपक्षी दलों में 29 विधायक हैं। भाजपाशासित राज्यों में केवल राजस्थान ही जहां से कोई मुस्लिम मंत्री है। यहां से यूनुस खान केबिनेट मंत्री है। उनके अलावा वे अन्य विधायक भी भाजपा से आते हैं। इस तरह से 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में केवल दो मुस्लिम विधायक हैं। मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड से भाजपा से कोई मुस्लिम विधायक नहीं है।