भले ही मोदी सरकार नोटबंदी की घोषणा पर अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन नोटबंदी का आइडिया देने वाले शख्स बोकिल इससे खुश नहीं है। बोकिल लोगों को हो रहे परेशानियों के लिए सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं। उन्होंने सरकार पर उनके सुझाव को पूरा न मानने का आरोप भी लगाया है। बोकिल के अनुसार सरकार ने अपनी पसंद को तवज्जो दी है।
क्या था बकौल बोकिल का सुझाव-
-केंद्र या राज्य सरकारों के साथ-साथ स्थानीय निकायों द्वारा वसूले जाने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, सभी करों का पूर्ण खात्मा।
-ये टैक्सेज बैंक ट्रांजैक्शन टैक्स (बीटीटी) में तब्दील किए जाने थे जिसके अंतर्गत बैंक के अंदर सभी प्रकार के लेनदेन पर लेवी (2 प्रतिशत के करीब) लागू होती। यह प्रक्रिया सोर्स पर सिंगल पॉइंट टैक्स लगाने की होती। इससे जो पैसे मिलते उसे सरकार के खाते में विभिन्न स्तर (केंद्र, राज्य, स्थानीय निकाय आदि के लिए क्रमशः 0.7%, 0.6%, 0.35% के हिसाब से) पर बांट दिया जाता। इसमें संबंधित बैंक को भी 0.35% हिस्सा मिलता। हालांकि, बीटीटी रेट तय करने का हक वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होता।
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