बीएसएफ की ज्यादातर महिला सैनिकों की उम्र 23 से 30 साल के बीच है। कुछ महिला जवान अपने परिवार के साथ बटालियन हेडक्वॉर्टर में रहती हैं और कुछ के बच्चे पति के साथ रहते हैं। ज्यादातर महिला जवान कहती हैं कि बीएसएफ की नौकरी में आने की वजह से घरवाले उन पर गर्व करते हैं, यहां तक कि गांव के पुरुष भी उनकी तारीफ करते हैं। 2008 से बीएसएफ में काम कर रहीं अनुबाला ने कहा, ‘पठानकोट में मेरे गांव के बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं मुझे आशीर्वाद देते हैं और कहते हैं कि हमारी बहू ने हमारा नाम रोशन किया है।
कुछ महिला जवानों को अखनूर, अरनिया और आरएस पुरा जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। छह से आठ घंटे तक वॉच टावर के अंदर भारी रायफल्स के साथ खड़ी रहने वाली ये महिला जवान पुरुष जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी ड्यूटी कर रही हैं। सांबा में तैनात कॉन्स्टेबल लक्ष्मी कहती हैं,’हम किसी भी तरह के ऐक्शन के लिए तैयार हैं।