केजरीवाल और मायावती के EVM में गड़बड़ी के दावे में है दम? जानिए ये 5 अहम बातें

0
EVM
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

विधानसभा चुनावों में हार के बाद बीएसपी चीफ मायावती के साथ बुधवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की सेफ्टी पर सवाल खड़े किए हैं। केजरीवाल ने दावा किया कि पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) का वोट अकाली गठबंधन और कांग्रेस को ट्रांसफर किए गए। समय-समय पर EVM की सुरक्षा पर सवाल उठते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में चुनाव आयोग को चरणबद्ध तरीके से EVM में पेपर ट्रायल लागू करने का आदेश दिया था। बीजेपी समेत सभी दलों के नेता अलग-अलग समय पर EVM की सुरक्षा पर संदेह जाहिर कर चुके हैं। क्या EVM में वाकई छेड़छाड़ संभव है, जानिए अहम बातें…

इसे भी पढ़िए :  अब प्राइवेट कंपनियां बनाएंगी सेना के लिए हथियार, रक्षा मंत्रालय ने खोले द्वार !

1-EVM में छेड़छाड़ कैसे की जा सकती है?

यह दावा किया जाता है कि EVM में अगर ब्लूटूथ कनेक्शन वाली छोटी सी चिप को लगा दिया जाए, तो इसे मोबाइल के जरिए हैक कर वोटों में हेरफेर किया जा सकता है। हालांकि इस दावे को चुनाव आयोग सिरे से खारिज कर चुका है।

इसे भी पढ़िए :  कश्मीर : सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, 6 आतंकी गिरफ़्तार

2-जानें, यह क्यों नहीं है संभव

अगर चिप वाली थिअरी को एक बार मान भी लिया जाए, तो प्रैक्टिकली यह संभव नहीं है। इसके लिए लाखों वोटिंग मशीनों में यह चिप लगाना होगा, जो करीब-करीब नामुमकिन है। इसके अलावा इस तरह की छेड़छाड़ के लिए अलग-अलग स्टेज पर सैकड़ों लोगों की जरूरत होगी। ऐसे में EVM में छेड़छाड़ को गुपचुप रखना नामुमकिन होगा।

इसे भी पढ़िए :  अमरिंदर के स्विस खातों के सबूत होने के बावजूद पीएम ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कीः केजरीवाल
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse