केजरीवाल और मायावती के EVM में गड़बड़ी के दावे में है दम? जानिए ये 5 अहम बातें

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3-क्या EVM को हैक किया जा सकता है?

कुछ लोगों का कहना है कि अति सुरक्षित माने जाने वाले बैंक अकाउंट को जब हैक किया जा सकता है, तो EVM को क्यों नहीं। हैकिंग के लिए एक EVM को इंटरनेट से कनेक्ट करने की जरूरत होगी लेकिन EVM में इंटरनेट कनेक्शन नहीं होता है। तो ऐसे में EVM की हैकिंग संभव नहीं है।

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4-क्या EVM की सुरक्षा 100 फीसदी पुख्ता की जा सकती है?

इसका सीधा जवाब है नहीं। हर इलेक्ट्रॉनिक मशीन में हेरफेर की जा सकता है या फिर उससे गलतियां हो सकती हैं। हालांकि यह भी संभव नहीं लगता कि चुनाव नतीजों को प्रभावित करने के लिए हजारों EVM में हेरफेर किया जाए।

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5-क्या है वीवीपीएटी?

वीवीपीएटी या वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल। इसके जरिए प्रिटेंड पर्ची के जरिए वोटर को यह जानकारी दी जाती है कि उसने जिस उम्मीदवार को वोट दिया है, वह उसे ही मिला है। इस पर्ची को रिकॉर्ड के तौर पर रखा जाता है। पेपर ट्रायल के जरिए EVM पर उठे शंका हटाने का एक जरिया माना जा रहा है। हालांकि वीवीपीएटी भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। इसमें भी छेड़छाड़ की आशंका है।

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