केजरीवाल और मायावती के EVM में गड़बड़ी के दावे में है दम? जानिए ये 5 अहम बातें

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

3-क्या EVM को हैक किया जा सकता है?

कुछ लोगों का कहना है कि अति सुरक्षित माने जाने वाले बैंक अकाउंट को जब हैक किया जा सकता है, तो EVM को क्यों नहीं। हैकिंग के लिए एक EVM को इंटरनेट से कनेक्ट करने की जरूरत होगी लेकिन EVM में इंटरनेट कनेक्शन नहीं होता है। तो ऐसे में EVM की हैकिंग संभव नहीं है।

इसे भी पढ़िए :  30 साल बाद फिर से हो रही 1 रुपये के नोटों की छपाई

4-क्या EVM की सुरक्षा 100 फीसदी पुख्ता की जा सकती है?

इसका सीधा जवाब है नहीं। हर इलेक्ट्रॉनिक मशीन में हेरफेर की जा सकता है या फिर उससे गलतियां हो सकती हैं। हालांकि यह भी संभव नहीं लगता कि चुनाव नतीजों को प्रभावित करने के लिए हजारों EVM में हेरफेर किया जाए।

इसे भी पढ़िए :  दिल्ली सरकार के अधिकारी छुट्टी पर गए, परिवहन मंत्री पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप

5-क्या है वीवीपीएटी?

वीवीपीएटी या वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल। इसके जरिए प्रिटेंड पर्ची के जरिए वोटर को यह जानकारी दी जाती है कि उसने जिस उम्मीदवार को वोट दिया है, वह उसे ही मिला है। इस पर्ची को रिकॉर्ड के तौर पर रखा जाता है। पेपर ट्रायल के जरिए EVM पर उठे शंका हटाने का एक जरिया माना जा रहा है। हालांकि वीवीपीएटी भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। इसमें भी छेड़छाड़ की आशंका है।

इसे भी पढ़िए :  सिसोदिया का आरोप- केजरीवाल, जैन और मुझे गिरफ्तार करने की साजिश बना रहा है केंद्र
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse