दिल्ली: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आज कहा कि गोहत्या रोकने, गो मांस और इससे बने उत्पादों के आयात, निर्यात या बिक्री पर रोक के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी कानून केन्द्र द्वारा बनाया जाना है। उच्च न्यायालय ने केन्द्र को इस संबंध में छह महीने के भीतर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा।
भारतीय गोवंश रक्षा संवर्धन परिषद द्वारा दायर याचिका का निपटान करते हुए न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ ने कहा, ‘‘ इस अदालत ने केन्द्र को तीन महीने के भीतर गोहत्या रोकने, गो मांस और इससे बने उत्पादों के आयात, निर्यात या बिक्री पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने का सुझाव दिया है, लेकिन केन्द्र सरकार ने एक हलफनामे में कहा है कि यह विषय राज्य की सूची में आता है और केवल पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के पास इस विषय पर कोई कानून नहीं है।’’ ‘‘ हालांकि, केन्द्र सरकार ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि यह विषय समवर्ती सूची में भी है और राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाने का विकल्प उसके पास खुला है।’’