SC ने केंद्र को 3 साल में नसबंदी शिविर बंद करने का दिया निर्देश

0
फाइल फोटो।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार(14 सितंबर) को केन्द्र को तीन साल के भीतर नसबंदी शिविर बंद करने तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रणाली मजबूत करने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि ‘‘यह समय है जब महिलाओं और पुरूषों के साथ सम्मान तथा गरिमा के साथ व्यवहार होना चाहिए, ना कि नसबंदी कार्यक्रम में केवल आंकड़ों के रूप में।’’

यह फैसला उस जनहित याचिका पर आया, जिसमें नसबंदी शिविरों के कुप्रबंधन पर प्रकाश डाला गया था। इस कुप्रबंधन के कारण कई राज्यों में हाल के वर्षों में कई लोगों की मौत हुई थी।

इसे भी पढ़िए :  पत्थरों की ढ़ाल से बचने को सेना का नया प्लान, आर्मी चीफ बोले अब सेना में होगी महिला जवानों की भर्ती

न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने कहा कि ‘‘भारत सरकार को निर्देश दिया जाता है कि राज्य सरकारों को नसबंदी शिविर आयोजित करने की प्रणाली रोकने के लिए राजी करें जो कि देशभर में कम से कम चार राज्यों द्वारा लगाए गये हैं।’’

इसे भी पढ़िए :  मुस्लिम समाज तीन तलाक की प्रथा बदल दे नहीं तो सरकार लाएगी कानून?

पीठ ने कहा कि ‘‘किसी भी स्थिति में, भारत सरकार को अपने इस नजरिए पर बने रहना चाहिए कि तीन साल के समय के भीतर नसबंदी शिविरों को बंद किया जाएगा।’’ शीर्ष अदालत ने कहा कि जटिल नहीं होने के बावजूद नसबंदी सर्जरी से देशभर में कई मौतें हुई हैं।

पीठ ने नसबंदी के मुद्दे पर सक्रिय रूप से विचार के लिए निर्देश जारी करते हुए कहा कि उसे मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और केरल जैसे कुछ राज्यों का नसबंदी शिविरों के कुप्रबंधन के आरोपों को लेकर ‘‘लापरवाह रवैया देखकर दुख होता है।’’

इसे भी पढ़िए :  राज्यसभा में मैटरनिटी लीव बिल पास, गर्भवती महिलाओं को मिलेगी 26 हफ्ते की छुट्टी

पीठ ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को फैसले की प्रति चार राज्यों के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के सामने रखने का निर्देश दिया और कहा कि वे जनहित याचिका पर स्वत: संज्ञान लेते हुए नसबंदी शिविरों के संबंध में आरोपों पर विचार करें।