बीबीसी के अनुसार न्यायाधीश ठाकुर ने एक बार अपने पिता की सरकार की बर्खास्तगी की भी मांग कर दी थी। यह ग़ुलाम मोहम्मद शाह की सरकार थी, जिसमें टीएस ठाकुर के पिता देवीदास ठाकुर उपमुख्यमंत्री थे।
ग़ुलाम मुहम्मद शाह 2 जुलाई 1984 से 6 मार्च 1986 तक जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। उस दौरान तीरथ सिंह ठाकुर जम्मू हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हुआ करते थे।
बार एसोसिएशन में उनके पुराने साथी बताते हैं कि ग़ुलाम मोहम्मद शाह की सरकार विवादों में थी और चारों तरफ सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे थे। जस्टिस ठाकुर लंबे समय से जानने वाले और वरिष्ठ वकील बीएस सलाथिया कहते हैं, “तीरथ सिंह ठाकुर हमेशा से सही को सही और ग़लत को ग़लत कहने का माद्दा रखते थे।”
बीबीसी से बात करते हुए उन्होंने कहा, “जब वे अपने पिता के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा सकते हैं तो आप समझ जाइए कि वो ग़लत होते हुए नहीं देख सकते हैं। और वो जिस पद पर आज हैं वहां वो भला कैसे चुप रह सकते हैं जब पूरे देश में जजों की इतनी कमी है। अब जम्मू कश्मीर उच्च न्यायलय को देख लीजिए। यहाँ 17 स्वीकृत पद हैं मगर जजों की मौजूदा संख्या सिर्फ आठ है। तो वो भला कैसे नहीं बोलें?”