इससे पहले चीन ने सोमवार को कहा था कि वह वर्मा के अरुणाचल प्रदेश दौरे का सख्त विरोध करता है, क्योंकि यह भारत और चीन के बीच विवादास्पद क्षेत्र है। वर्मा ने तवांग फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। उन्हें राज्य के सीएम पेमा खांडू ने न्योता भेजा था। चीन के विरोध पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा था, ‘अमेरिकी राजदूत ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया। यह राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है।’ इससे पहले चीन ने भारत और चीन के बाद सीमा विवाद में अमेरिका के ‘दखल’ की बात कही थी।
चीन के स्टेट काउंसलर यांग जिएची जल्द ही इस मसले को उठा सकते हैं। वह भारत के साथ सीमा मामले पर बातचीत के लिए चीन के विशेष प्रतिनिधि हैं। यांग के साथ बातचीत में भारत पीओके के जरिये गुजरने वाले पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर का मुद्दा उठाएगा। साथ ही, मसूद अजहर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में चीन से मदद की मांग भी दोहराएगा।
बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है और इसे भारत का हिस्सा नहीं मानता है। वह राज्य के 83,500 वर्ग किलोमीटर पर अपना दावा जताता है।