दिल्ली:
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आज सरकार को सलाह दिया है कि जम्मू कश्मीर की समस्या को दूर करने के लिए अलगावादियों के साथ भी बात करनी चाहिए। ताकि इस मुद्दे पर हर वर्ग का साथ मिल सके।
कांग्रेस ने आज केंद्र और राज्य सरकार दोनों से कहा है कि बातचीत के लिए घाटी में विभिन्न पक्षों के साथ ही उन प्रासंगिक पार्टियों की पहचान की जाए जो मुख्यधारा की नहीं हैं।
कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने दोनों सदनों में और सर्वदलीय बैठक में कहा था कि सरकार को एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।‘हमने यह भी कहा था कि अगर वे चाहते हैं कि जमीन पर स्थिति में सुधार हो तो जितनी जल्दी संभव हो सके, बातचीत प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। और उसके लिए महत्वपूर्ण है कि हम अपनी बातचीत सिर्फ मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों तक ही सीमित नहीं रखें।’’ आजाद ने कहा कि घाटी की स्थिति में सुधार के लिए बातचीत की खातिर सरकार को महत्वपूर्ण और प्रासंगिक पार्टियों की पहचान करनी चाहिए जो मुख्यधारा में नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि न सिर्फ हमारे प्रदेश में बल्कि देश भर में, आमतौर पर गैर.मुख्यधारा की पार्टियों का कोई प्रतिनिधित्व विधानसभाओं या संसद में नहीं होता। इसलिए हमें मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के अलावा अन्य दलों और अन्य सभी पक्षों के साथ बातचीत करने की आवश्यकता है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कश्मीर में पाकिस्तान की भूमिका हमेशा ही नकारात्मक रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान की भूमिका नकारात्मक रही है। भारत के विभाजन के समय से, यह अक्तूबर 1947 से जब मेरा जन्म भी नहीं हुआ था, पाकिस्तान की हमेशा भूमिका रही है और वह भूमिका नकारात्मक रही है।’’
आजाद ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि संसद में जो हुआ और सत्र के बाद जो किया जा रहा है, ये सभी विपक्ष की ही सिफारिशें हैं।’’ उन्होंने कहा कि संसद में बहस से लेकर सर्वदलीय बैठक, हर चीज विपक्ष की पहल पर ही संभव हुआ।
आजाद ने कहा एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर का दौरा कर रहा है, यह राज्यसभा में हम विपक्ष की मांग पर ही स्वीकार किया गया। इस प्रकार संसद में और संसद के बाहर जो हुआ, प्रतीत होता है कि वह सभी विपक्ष की मांग पर है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि सरकार ने एक भी पहल की हो।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में स्थिति और पहले सुधर जाती, अगर केंद्र बातचीत प्रक्रिया शुरू करने की विपक्ष की मांग को स्वीकार कर लेता।