सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने मोर्चा संभाला। उनके मुताबिक, स्पीकर ने जानकारी दी थी कि नगरोटा हमले के मामले में सेना ने अपना कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी रखा है। नायडू के मुताबिक, ऑपरेशन खत्म होते ही सदन में सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। वेंकैया ने हमलावर रुख अपनाते हुए कहा कि देश की रक्षा और देश की सेना को लेकर भी कांग्रेस पार्टी राजनीति कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। नायडू के मुताबिक, कांग्रेस न तो चर्चा चाहती है और न ही सदन चलने देना। यह नगरोटा के शहीदों का अपमान है। नायडू ने कहा कि कांग्रेस प्रश्नकाल के दौरान सदन से बाहर चली गई और बाद में वापस लौट आई।
वित्त मंत्री जेटली ने राज्यसभा में कहा कि अगर विपक्ष नगरोटा हमले को लेकर चर्चा चाहता है तो सरकार इसके लिए तैयार है। वहीं, शरद यादव ने नोटबंदी की वजह से देश में हुई मौतों का मामला सदन में उठाया। इस पर जेटली ने कहा, ‘नोटबंदी की चर्चा आप अपनी पार्टी में कर लीजिए कि वो आपसे सहमत हैं कि नहीं।’ दरअसल, जेटली का इशारा बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नोटबंदी के मामले पर रुख को लेकर था। नीतीश ने इस मुहिम का समर्थन किया है। इस पर शरद यादव ने कहा, ‘आप मेरी पार्टी की बात कर रहे हैं। क्या आपके साथ पीएम हैं? आपकी बात कोई मान रहा है?’ बता दें कि विपक्ष यह आरोप लगा चुका है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के फैसले को अमल में लाने से पहले इसकी जानकारी वित्त मंत्री जेटली को भी नहीं दी।
पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार को लोकसभा में मौजूद थे। नायडू ने कहा कि पीएम की मौजूदगी के बावजूद कांग्रेस और लेफ्ट ने सदन से वॉकआउट क्यों किया, यह कोई नहीं जानता। उन्होंने अपील की कि राजनीतिक पार्टियां सदन में होने वाली बहस में शामिल हों। उन्होंने दावा किया कि सरकार के पास छिपाने के लिए कोई जानकारी नहीं है और ऐसी सभी सूचनाएं सदन के साथ साझा की जाएंगी। उधर, बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मंगलवार को टैक्स से जुड़े कानून में संशोधन का बिल बिना चर्चा के लोकसभा में पास हुआ, जिसकी वजह से उनकी पार्टी विरोध करेगी। उधर, मोदी ने बुधवार को ही संसद में अपने चैंबर में जेटली, नायडू और अनंत कुमार जैसे टॉप लीडर्स के साथ बैठक की।