जस्टिस मार्कडेंय काटजू को सुप्रीम कोर्ट ने थमाया अवमानना का नोटिस

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

जस्टिस काटजू ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा था कि कोर्ट ने अपना फैसला सुनाने में सिर्फ सुनी सुनाई बातों पर ही ध्यान दिया है। उन्होंने यह भी कहा था कि कानून के मुताबिक एक व्यक्ति तब भी दोषी है ‘अगर उसका इरादा कत्ल का न हो लेकिन उसने इस तरह की चोटें पहुंचाई हों जो आम हालात में किसी भी व्यक्ति के मौत की वजह बन सकती है।’

इसे भी पढ़िए :  संसद कैंटीन की दाल में निकली मरी हुई मकड़ी, वीडियो हुआ वायरल

इसके बाद पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज को 11 नवंबर को कोर्ट में आकर अपनी पूरी बात रखने के लिए बुलाया गया था। आज ही सुप्रीम कोर्ट में सौम्या की मां और केरल सरकार द्वारा दर्ज की गई अपील की सुनवाई भी होनी थी जिसमें फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध किया गया था।

इसे भी पढ़िए :  सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया

बता दें कि केरल की सौम्या एक मॉल में काम करती थी और जब वह ट्रेन से घर जा रही थी, उसी दौरान गोविंदचामी ने उन पर हमला किया। गोविंदचामी ने उसे बालों से घसीटा और कोच की दीवार पर बार बार उसका सिर मारा। उसे ट्रेन से फेंका गया, गोविंदाचामी भी उसके पीछे कूदा, उसे पत्थर से मारा गया और फिर जख्मी हाल में उसके साथ बलात्कार भी किया गया। हमले के पांच दिन बाद सौम्या की मौत हो गई। 15 सितंबर को गोविंदचामी को निचली अदालत द्वारा दी गई मौत की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट ने सबूतों के अभाव में रद्द कर दिया।

इसे भी पढ़िए :  गर्भवती पत्नी को जिंदा जलाकर मार डाला, सुप्रीम कोर्ट ने दिया जीवनदान
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse