अपने बायनों से हमेशा चर्चा में रहने वाले जस्टिस मार्कडेंय काटजू को सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना का नोटिस भेजा है। यह कदम काटजू के उस फेसबुक पोस्ट के बाद लिया गया जिसमें उन्होंने जजों की आलोचना की थी। काटजू को अदालत में केरल में हुए सौम्या के कत्ल के मामले पर अपनी राय व्यक्त करने के लिए बुलाया गया था।
शुक्रवार को कोर्ट ने इस ब्लॉग के बारे में कहा कि काटजू की लिखी टिप्पणियां फैसले पर नहीं जजों पर हमला हैं। जिस पर काटजू ने कहा ‘मुझे परवाह नहीं है।’ इसके बाद कोर्ट ने उन्हें बाहर ले जाने का आदेश दिया जिस पर काटजू ने कहा कि ‘मेरे साथ यह किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। मैं यहां आपकी मदद करने आया हूं। क्या एक पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज के साथ इस तरह का बर्ताव किया जाना चाहिए? मैं माफी चाहता हूं।’ इस पर कोर्ट का जवाब था – हम भी माफी चाहते हैं।
बता दें कि सौम्या मर्डर केस पर काटजू को अपने विचारों को विस्तार से समझाने के लिए कोर्ट में बुलाया गया था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने केरल के चर्चित सौम्या रेप व मर्डर केस में दोषी गोविन्दचामी की फांसी की सजा रद्द कर दी थी। कोर्ट ने उसे सिर्फ रेप का दोषी माना और उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सबूतों के अभाव में गोविन्दचामी को हत्या का दोषी नहीं माना गया था। इस फैसले पर जस्टिस काटजू ने फेसबुक पोस्ट में लिखा था ‘मैं मानता हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को हत्या का कसूरवार न मानकर गलती की है और उन्हें अपने फैसले पर पुनिर्विचार करना चाहिए।’