नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार(7 सितंबर) को दिल्ली में अपनी संपत्तियों की सीलिंग के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण जाने की समयसीमा बढाने की मांग करने वाले लोगों की याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि ‘इस देश को अपनी आदतें सुधारनी पड़ेंगी।’
न्यायमूर्ति जेएस खेहर और न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की पीठ ने कहा कि ‘जो लोग अपने अधिकारों को लेकर संजीदा नहीं हैं वे बाद के चरण में अपने अधिकारों का दावा नहीं कर सकते। हम आप लोगों से उब गए हैं। पिछले दो साल से सुप्रीम कोर्ट इन मामलों में फंसा हुआ है और आपको कोई मतलब नहीं।’
पीठ ने कहा कि ‘आपका मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और आप सोते रहते हैं। सभी आवेदनों को खारिज किया जाता है।’ अदालत ने ये टिप्पणियां उस समय कीं जब कुछ आवेदकों ने एमसीडी द्वारा उनकी संपत्तियों की सीलिंग के खिलाफ निगम के अपीलीय न्यायाधिकरण में गुहार लगाने के लिए समयावधि बढाने का अनुरोध किया।
जब कुछ वकीलों ने न्यायाधिकरण में जाने के लिए समयावधि बढाने का अनुरोध किया तो पीठ ने कहा कि ‘इस देश को अपनी आदतें सुधारनी होंगी। अगर आपको राहत चाहिए तो आपको अपने अधिकारों को लेकर संजीदा होना पड़ेगा।’