नोटबंदी के बाद जो लोग 500 और 1000 रुपये के नोटों के 2.5 लाख रुपये तक की रकम को अपने खतों में जमा करा रहे हैं, उन्हें जांच का सामना करना पड़ सकता है। सरकार अघोषित धन रखने वालों से जुड़ी जिस योजना पर काम कर रही है, उसके तहत ढाई लाख रुपये तक डिपॉजिट करने वालों से भी सवाल-जवाब किए जा सकते हैं। सरकार इस सप्ताह संसद में एक अमेंडमेंट पेश कर सकती है।
रद्द किए जा चुके नोटों के जरिए जो लोग बेहिसाबी रकम जमा कर रहे हैं, उनके लिए इस अमेंडमेंट के जरिए यह व्यवस्था की जाएगी कि वे 50 पर्सेंट टैक्स चुकाएं और 25 पर्सेंट रकम चार वर्षों के लिए जीरो पर्सेंट इंटरेस्ट पर लॉक करें। इस तरह उनके पास तत्काल उपयोग के लिए बेहिसाबी रकम का केवल 25 पर्सेंट हिस्सा बचेगा। इस स्कीम के तहत एक सीमा से ऊपर के सभी बड़े डिपॉजिट्स के मामले में जमाकर्ता से पैसे के स्रोत के बारे में पूछा जा सकता है और यह सवाल किया जा सकता है कि उससे 50 पर्सेंट टैक्स क्यों न लिया जाए और 25 पर्सेंट रकम अनिवार्य रूप से जीरो इंटरेस्ट पर क्यों न जमा कराई जाए।