राजधानी दिल्ली में 12 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में अदालत का फैसला आ गया है। कोर्ट ने तीन आरोपियों में से दो को बरी करते हुए तारिक अहमद डार को दोषी माना है। तारिक को 10 साल की सजा सुनाई गई है। हालांकि, तारिक पहले ही 13 साल की सजा काट चुका है। 2005 में दिवाली से एक दिन पहले हुए इन धमाकों में 60 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन धमाकों के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोएबा का हाथ था।
29 अक्टूबर 2005 के दिन दिल्ली को दहला देने वाले इन धमाकों के मामले में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोएबा के ऑपरेटिव तारिक अहमद डार, मोहम्मद हुसैन फाजिल और मोहम्मद रफीक शाह को मुख्य आरोपी बनाया गया था। माना जा रहा है कि इस इन धमाकों का मास्टरमाइंड तारिक ही था।
कोर्ट ने इस मामले में तीनों आरोपियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आपराधिक साजिश रचने, हत्या, हत्या के प्रयास और हथियार जुटाने के आरोप तय किए थे। दिल्ली पुलिस ने तारिक के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की थी।