रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। दरअसल दिल्ली पुलिस ने बुराड़ी की 14 साल की रेप पीड़िता की पहचान जाहिर करने के आरोप में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल के खिलाफ धारा 228ए के तहत एफआईआर दर्ज की है। इसके जवाब में स्वाति मालीवाल ने ट्वीट करते हुए दिल्ली पुलिस पर बेबुनियाद एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया है।
मालीवाल ने लिखा है कि दिल्ली महिला आयोग ने 14 साल की रेप पीड़िता के मामले में बुराड़ी पुलिस को नोटिस भेजा था। 2 दिन बाद पुलिस ने मुझ पर ही एफआईआर दर्ज कर दी। मेरी गलती बस ये थी की मैंने महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा के मामले में दिल्ली पुलिस की नाकामी पर सवाल खड़े किए।
स्वाति ने ट्वीट में लिखा ‘मैं और मुद्दे उठाऊंगी। मैंने निर्भया के लिए लाठी खाई है, मेरा हर पल और कोई निर्भया न हो ये सुनिश्चित करने में लगता है। मैं आंदोलनकारी हूं। किसी FIR से नहीं डरती।’
मैंने निर्भया के लिए लाठी खायी है। मेरा हर पल और कोई निर्भया न हो ये सुनिश्चित करने में लगता है। मैं आंदोलनकारी हूँ। किसी FIR से नहीं डरती।
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) July 26, 2016
दिल्ली पुलिस के एफआईआर के जवाब में स्वाति का कहना है कि ‘मैंने पीड़िता का नाम उजागर नहीं किया है। जबकि पुलिस खुद दिल्ली महिला आयोग के नोटिस के बाद हरकत में आई और आरोपी को गिरफ्तार किया।’
स्वाति ने रेप पीड़िता के नाम छुपाने पर भी सवाल उठाए, रेप पीड़ित को अपनी पहचान क्यों छिपानी चाहिए? क्या ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक रेपिस्ट खुद को छिपाए? क्या पीड़ित को इस बात से शर्मिंदा होना चाहिए की वो यातनाओं का शिकार हुई है? स्वाति मालीवाल का ये बयान एक बार फिर विवाद को जन्म दे सकता है। दरअसल निर्भया केस के दौरान भी रेप पीड़िता का नाम उजागर होना चाहिए या नहीं, इस मुद्दे पर बहस छिड़ चुकी है.।