14 लाख करोड़ की करेंसी बनी कागज, बदले में छपे सिर्फ 1.5 लाख करोड़ के नए नोट

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मोदी सरकार के देश भर में लागू नोटबंदी के फैसले से देश भर के लोग परेशानी जूझ रहे हैं। ऐसे में एक चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने से देश के 14.18 लाख करोड़ रुपयों को कागज के बराबर बना दिया गया जबकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अबतक कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए के नए नोट छापे हैं। और उनसें भी ज्यादातर नोट 2000 रुपए के हैं जो फिलहाल लोगों के लिए रोड़ा बने हुए है। क्योंकि वह किसी इस्तेमाल के नहीं है क्योंकि लोगों के पास बदले में देने के लिए छुट्टे पैसे ही नहीं हैं।

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Credit Suisse research की 25 नवंबर को आई रिपोर्ट में ये सामने आया है कि 1.5 लाख करोड़ रुपए की नई करेंसी के अलावा 2.2 लाख करोड़ रुपए की करेंसी पहले से चलन में है। नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपए के 2,203 करोड़ नोट कागज के टुकड़े बराबर हो गए। रिपोर्ट का मानना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अभी जल्दी में 1,000-2,000 करोड़ नोट और छापने होंगे ताकि ट्रांसेक्शन लेवल पहले की स्थिति में आ सके।

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मोदी सरकार देश भर में लागू नोटबंदी के फैसले के बाद मची अफरातफरी के चलते चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। लोगो को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी नकदी की समस्या हो रही है। बैंक और एटीएम की लाईन कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। घंटों लाइन लगने के बाद भी लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा।

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