नोटबंदी के बाद अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने पीएम मोदी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया है। महासभा के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा है कि नोटबंदी का फैसला मोदी सरकार के अंत की शुरुआत है। नोटबंद करने के बाद पीएम को लग रहा होगा की उनकी सरकार एक बार फिर बनेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। महासभा ने यह आरोप भी लगाया कि नोटबंदी को हिंदुओं की शादी के कैलेंडर की शुरुआत से ठीक पहले लागू किया गया और वहीं दूसरी तरफ BJP के सदस्य देशभर में इस्लामिक बैंकों को प्रोत्साहन दे रहे थे।
केंद्र सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पाण्डेय ने कहा कि अभी तक इस योजना के मकसद की जानकारी नहीं लग पाई है। अलीगढ़ में बोलते हुए पूजा ने कहा, ‘इस नोटबंदी के कारण 200-300 रुपये की दिहाड़ी कमाने वाले गरीब लोगों या फिर सरकारी पेंशन पर आश्रित लोगों को मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। अमीरों पर इस फैसले का असर पड़ा हो, ऐसा नहीं लगता है।
नोटबंदी लागू किए जाने के समय पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘इसके अलावा, यह योजना हिंदू शादी कैलेंडर शुरू होने से ठीक पहले लागू की गई। हजारों परिवारों को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे उधार लेने पड़े। कई लोगों को तो शादी की तारीख आगे बढ़ानी पड़ी। कई लोगों ने तो शादियों को रद्द तक कर दिया। वहीं दूसरी तरफ खुद को हिंदुत्व पार्टी बताने वाली पार्टी के नेता देश में इस्लामिक बैंक को प्रोत्साहन देने में व्यस्त थे।