नोटबंदी: SC ने लगाई सरकार को फटकार, पूछा 31 मार्च तक पुराने नोट जमा करने का मौका क्यों नहीं दिया

0
नोटबंदी
सुप्रीम कोर्ट
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि उसने नोटबंदी के बाद अमान्य हुए पुराने नोट 31 दिसंबर के बाद जमा करने का कानूनी विकल्प क्यों नही दिया। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने सरकार से पूछा कि जो लोग 31 दिसंबर तक अपने पुराने नोट जमा नहीं करा पाए, उनके लिए ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं की गई। अदालत ने सरकार से कहा हैं कि वह इस सम्बन्ध में दो सप्ताह के अंदर शपथ पत्र दाखिल करें।

इसे भी पढ़िए :  पीएम मोदी को गाली देने का मामला: अमर सिंह समेत दो लोगों पर केस

इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि संसद ने सरकार को विकल्प दिया था, लेकिन सरकार ने उसे नहीं अपनाने का फैसला किया क्योंकि उसे ऐसा करना उचित नहीं लगा। इसके बाद अदालत ने सवाल किया, “आपने (कानून के तहत) एक और खिड़की खोलने का विकल्प क्यों नहीं दिया। आपके पास 20 कारण हो सकते हैं।”

इसे भी पढ़िए :  राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट से अपशब्द लिखकर किया ट्वीट

सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार एवं भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा कि उसने उन लोगों के लिए एक अलग प्रावधान क्यों नहीं किया जो चलन से बाहर हो चुके नोट 30 दिसंबर 2016 तक जमा नहीं करा सके। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा है।

इसे भी पढ़िए :  सीमा पर भारत के मुंहतोड़ जवाब से थर्राया पाकिस्तान, बातचीत के लिए झुका पर गीदड़ भभकी जारी

 अगले पेज पर जानिए – कोर्ट ने क्यों सरकार को किया तलब

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse