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अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट अटारी बार्डर पर बीटिंग रीट्रीट देखने जाने वाले पर्यटकों से अपील करेगा कि वो इस तिरंगे के लिए चंदा दें। अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट झंडे के सालाना देखरेख के लिए ऑनलाइन टेंडर जारी करने पर विचार कर रहा है। ट्रस्ट के अनुसार इस तिरंगे की देखरेख पर सालाना करीब 30 लाख रुपये खर्च होते हैं।
गौरतलब है कि सबसे ऊंचा झंड़ा पिछले महीने पांच मार्च को लगाया गया था। खराब मौसम के चलते आभी तक कम से कम चार झंड़े बरबाद हो चुके हैं। इस तिरंगे के लगाए जाने के बाद पाकिस्तानी मीडिया में खबरें चली थीं कि भारत इस झंडे से पाकिस्तान की जासूसी करने का इरादा रखता है। हालांकि भारत ने इससे साफ इनकार किया था।
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