इसके बाद आनंद शर्मा ने बोलना जारी रखते हुए कहा, ‘देश की मौद्रिक नीतियां तय करने की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक के अधिकारक्षेत्र में है, लेकिन 8 नवंबर को प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी की घोषणा किया जाना इस अधिकारक्षेत्र का उल्लंघन था।’ उनके ऐसा कहने पर उपसभापति ने उनसे यह बताने को कहा कि प्रधानमंत्री के ऐसा करने पर संविधान के किस नियम का उल्लंघन हुआ है। साथ ही, उपसभापति कुरियन संविधान के रेफरेंस बुक को पलटकर यह देखने लगे कि यह आरोप तथ्यात्मक तौर पर कितना सही है। उपसभापति आनंद शर्मा से वह आर्टिकल बताने को कह रहे थे जिसके आधार पर वह आरोप लगा रहे हैं। आनंद शर्मा ने संविधान उठाकर रेफरेंस खोजने लगे। उधर, सत्तापक्ष की ओर एकबार फिर हो-हल्ला शुरू हो गया। उन्हें चुप कराते हुए उपसभापति ने कहा, ‘अगर कोई संवैधानिक नियमों के उल्लंघन की बात कह रहा है, तो मैं जवाब नहीं दूंगा तो कौन जवाब देगा। बताइए मुझे। यह मेरा काम है, मेरी जिम्मेदारी है।’
राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान बीच-बीच में लगातार हंगामा हो रहा था। हंगामे के कारण उपसभापति ने दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।