नोटबंदी के बाद कालाधन रखने वालों की जान सांसत में हैं। लोग नए नए तरकीब निकाल रहे हैं। लाखों का रेलवे टिकट बुक कराकर उसे कैंसल करा रहा है तो कोई किसानों को कैश लोन बांट रहा है। कालेधन को सफ़ेद करने के इस काले धंधे में अब किन्नर भी कूद पड़े हैं। किन्नर भी रसूखदरों का कालाधान सफ़ेद करवाने में जुटे हैं।
दरअसल किन्नरों को जो न्योछावर मिलता है उसका ना तो कोई हिसाब होता है और ना ही कोई सीमा। सरकार ने किन्नरों को मिलने वाले न्योछावर पर कोई सीमा नहीं लगाई है। किन्नर कितनी भी न्योछावर ले सकते हैं वो भी कैश में। कालाधन रखने वाले किन्नरों के इसी विशेषाधिका को भुनाने में लगे हैं। सूत्रों की माने और आम लोगों की बातों पर भरोसा करें तो कालाधन रखने वाले किन्नरों को न्योछावर के रूप में करोड़ों रुपये के 500 और 1000 के नोट दे रहे हैं । किन्नर इन्हे अपने एकाउंट में जमा कराएंगे, चूंकी किन्नरों की आमदनी का कोई हिसाब नहीं होता इसलिए उम्मीद है कि इन्कम टैक्स इस पर कोई जांच नहीं बिठाएगा। इसके बाद किन्नर उस पैसे में से तय रकम निकाल कर वापस कर देंगे। इस तरह से कालेधन वालों का कालाधन एक झटके में सफ़ेद हो जाएगा।