इससे पहले अक्टूबर के मध्य में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बांग्लादेश का दौरा किया था। पिछले 30 सालों में ऐसा करने वाले वह चीन के पहले राष्ट्रपति थे। उनकी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 25 अरब डॉलर के 27 समझौते हुए थे। एक तरफ जहां चीन, दक्षिण एशिया में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की जुगत में लगा है वहीं दूसरी तरफ भारत भी उसकी काट के लिए कदम उठा रहा है।
भारत ने नेपाल, श्री लंका, मालदीव, सेशेल्स, मॉरीशस और म्यांमार जैसे मुल्कों में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है। श्री लंका को एयर डिफेंस गन, रेडार और बारूदी सुरंग से सुरक्षित गाड़ियां मुहैया कराने के अलावा वह इस देश के लिए दो नौसैनिक गश्ती जहाज (ओपीवी) भी बना रहा है।
सूत्र ने कहा, ‘भारत इनोवेटिव फाइनैंसिंग प्रणाली के जरिए बांग्लादेश को भी ओपीवी मुहैया करा सकता है। इसके अलावा भारतीय सेना में बांग्लादेशी सैनिकों की ट्रेनिंग में भी इजाफा होगा।’ बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के साथ भारत के रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं। आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों ही देशों ने काफी सख्त रुख अपनाया है और इसके लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देने का संकल्प लिया है। इसके अलावा हाल में ही इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मलेन के बहिष्कार के मुद्दे पर भारत का समर्थन कर बांग्लादेश ने रिश्तों में और मजबूती के संकेत दिए हैं।