नई दिल्ली: जीएसटी पर लोकसभा में चर्चा के दौरान वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ नहीं डाला जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के माध्यम से देश में ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की प्रणाली लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगा। जीएसटी लागू होने के बाद वस्तु एवं जिंस की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स की दरें मौजूदा स्तर पर रखी जायेंगी ताकि इसका महंगाई पर असर नहीं पड़े।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने लोकसभा में जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों- केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (सी जीएसटी बिल), एकीकृत माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (आई जीएसटी बिल), संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017 (यूटी जीएसटी बिल) और माल एवं सेवाकर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक 2017 को सर्व सम्मति से पारित करने की जरूरत बतायी ताकि देश में ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की व्यवस्था को लागू किया जा सके। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद टैक्स ढांचे को सर्व सम्मति से तय कर रही है और इस बारे में अब तक 12 बैठकें हो चुकी हैं। यह विधेयक केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझी सम्प्रभुत्ता के सिद्धांत पर आधारित है और यह ऐसी पहली पहल है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह संवैधानिक मंजूरी प्राप्त पहला संघीय अनुबंध है। यह ऐतिहासिक और क्रांतिकारी विधेयक है। जीएसटी परिषद सही मायने में पहला संघीय संस्थान है। इसमें केंद्र ने अपनी सम्प्रभुत्ता रखी है, इसमें राज्यों ने अपनी सम्प्रभुत्ता रखी है। इसके साथ केंद्र-राज्य संबंध के नाजुक तार को कायम रखा गया है।’’
लोकसभा में इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, कई वरिष्ठ मंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आदि मौजूद थे। जीएसटी के लागू होने पर केन्द्रीय स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, सेवाकर और राज्यों में लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) सहित कई अन्य कर इसमें समाहित हो जायेंगे।
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