नोटबंदी पर विदेशी मीडिया का नकारात्मक रुख, कहा- नए नोटों से भी तो हो रहा है भ्रष्टाचार

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नोटबंदी
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पीएम मोदी द्वारा 8 सितंबर को को किए गए  नोटबंदी के एलान की देश ही नहीं नहीं विदेश में भी खूब चर्चा हो रही है। भारत में नोटबंदी के बाद लोगों के सामने आती मुश्किलों को लेकर वाशिंगटन पोस्ट में एक आर्टिकल छपा है जिसके मुताबिक भ्रष्टाचार रोकने के लिए नोटबंदीकी गई थी लेकिन नए नोटों से ही भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं।

 

लेख में उन सब मामलों का जिक्र किया गया है जिसमें नए नोटों के पकड़े जाने की खबरें हैं। साथ ही बताया गया है कि जिस स्पीड से नोट छप रहे हैं उससे नोटों की कमी आने वाले तीन महीनों में जाकर खत्म होगी। लेख में इनकम टैक्स विभाग द्वारा दिए गए आंकड़ों का जिक्र है। लिखा गया है कि बुधवार को ही बताया गया था कि 202,200,000 रुपए के 2000 के नए नोट पकड़े जा चुके हैं। वहीं सिर्फ कर्नाटक और गोवा में 36 केस रजिस्टर हो चुके हैं। वहां से नकद के अलावा जूलरी और सोना भी बरामद हुआ था। जिसकी कीमत 10 अरब रुपए से भी ज्यादा होगी।

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आर्टिकल में इस बात को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं कि अगर भ्रष्टाचार नहीं हो रहा तो फिर कुछ लोगों को लाइनों में भी लगकर कैश क्यों नहीं मिल रहा और कुछ के पास नए करेंसी के अंबार निकल रहे हैं? साथ में भारतीय रिजर्व बैंक कर्मचारियों के पकड़े जाने का भी जिक्र किया गया है। जो कि सीनियर स्पेशल असिस्टेंट के पद पर था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा था कि वह एक जूनियर कर्मचारी था।

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