नई दिल्ली : कस्तूरबा गांधी (केजी) मार्ग स्थित कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजर आशीष कुमार कुशवाहा से मिलकर क्लोन चेक के जरिये लाखों रुपये दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कराने वाले दो अन्य आरोपियों मेहंदी हसन (30) व जितेंद्र (35) को भी क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। मेहंदी हसन मुरादाबाद के डिंगरपुर बुलावा गांव का रहने वाला है, जबकि जितेंद्र दिल्ली के नांगलोई इलाके का रहने वाला है। दोनों क्लोन चेक लेकर बैंक गए थे और वहां बैंक मैनेजर के जरिये चेक जमा कर 40.50 लाख रुपये उन्होंने अपने दूसरे अकाउंट में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कराए थे। इससे पहले क्राइम ब्रांच ने 23 दिसंबर को गिरोह सरगना राजकुमार गोयल व रंजीत को गिरफ्तार कर चेक का क्लोन तैयार कर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था।
डीसीपी क्राइम ब्रांच डॉ. रामगोपाल नाइक ने बताया कि गिरोह सरगना शिव नगर, सोनीपत (हरियाणा) निवासी राजकुमार गोयल (47) का संपर्क कोटक बैंक के मैनेजर आशीष कुमार कुशवाहा से था। राजकुमार अपने सहयोगी गांव गुमरी, जिला गिरीडीह (झारखंड) निवासी रंजीत (29) के साथ मिलकर ठगी करता था। दोनों की गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की केजी मार्ग स्थित कोटक महिंद्रा बैंक की सीसीटीवी फुटेज में दो अन्य आरोपियों की तस्वीर सामने आई। इनकी पहचान जितेंद्र और मेहंदी हसन के रूप में हुई। इसके बाद इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह की टीम ने 26 दिसंबर को पहले मेहंदी हसन को मुरादाबाद स्थित उसके गांव से पकड़ा, फिर 28 दिसंबर को जितेंद्र को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि जितेंद्र एसी बनाने का काम करता था और राजकुमार के पास उसका आना-जाना होता था। जितेंद्र को राजकुमार के ठगी के मामलों की जानकारी थी। राजकुमार ने कमीशन देने की बात की तो जितेंद्र उसके साथ जुड़ गया और बाद में उसने मुरादाबाद में खेती करने वाले मेहंदी हसन को भी कमीशन का लालच देकर गिरोह से जोड़ लिया। दोनों ने बताया कि क्लोन चेक लेकर वे बैंक में जाते थे और बैंक मैनेजर आशीष को दे देते थे। आशीष चेक को क्लीयर करके उतनी ही रकम दूसरे खाते में आरटीजीएस के जरिये ट्रांसफर करा देता था। हाल ही में 40.50 लाख रुपये के एक क्लोन चेक को बैंक के जरिये क्लीयर कराने के बदले जितेंद्र एवं मेहंदी हसन को राजकुमार ने 1.75 लाख रुपये कमीशन के रूप में दिया था।
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शिकायत दर्ज कराई थी कि 3 सितंबर को पहले 40.50 लाख और 5 नंवबर को 15.20 लाख रुपये उनके अकाउंट से चेक के माध्यम से निकाले गए। मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच ने 23 दिसंबर को राजकुमार एवं रंजीत को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि राजकुमार व रंजीत ने कोटक महिंद्रा बैंक की नया बाजार शाखा में आरके इंटरनेशनल, स्वास्तिक ट्रेडिंग, सपना ट्रेडिंग, महालक्ष्मी इंडस्ट्रीज, श्रीगणेश इंटरप्राइजेज, दिल्ली ट्रेडिंग कंपनी, विग्रो इंटरनेशनल नाम से फर्जी कंपनी बनाकर कुल 9 खाते खुलवाए थे। नया बाजार शाखा में खाता खुलवाने के बाद क्लोन चेक के जरिये राजकुमार गोयल, रंजीत, मेहंदी हसन व जितेंद्र ने केजी मार्ग स्थित शाखा में अलग-अलग खातों में 34 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा करवाए थे।