नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फौज के आखिरी सिपाही निजामुद्दीन अब इस दुनिया में नहीं रहें। 116 वर्ष की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविद कह दिया। सोमवार को सिपाही निजामुद्दीन के निधन की खबर से पूरे पूर्वांचल की आंखे नम हो गई हैं। पीएम मोदी द्वारा पिछले साल नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के बाद उनके बूढ़ी आंखों में एक नई चमक दिखाई दी थी।
नेताजी के सिपाही निजामुद्दीन कहते थे कि मैंने बर्मा-थाईलौंड बॉर्डर पर सीतांगपुर नदीं के पास कार उतारा था। उस समय मैं नेता जी के साथ जाना चाहता था, लेकिन नेताजी ने यह वापस कहकर भेज दिया कि हम आजाद भारत में मिलेंगे। लेकिन दुर्भाग्यवश उसके बाद मेरी नेताजी के मुलाकात नहीं हो पाई। उन्होंने कहा था कि, आज तक नेताजी जैसा कोई हीरे पैदा नहीं हुआ।