सरकार का नया फैसला, अब छपेंगे प्लास्टिक के नोट, कच्चे माल की खरीद शुरू

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प्लास्टिक

नई दिल्ली : सरकार ने आज संसद को बताया कि प्लास्टिक के नोटों की छपाई का फैसले लिया जा चुका है और इसके लिए जरूरी मैटेरियल जुटाने का काम भी शुरू हो गया है। वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक सवाल के लिखित जवाब में लोकसभा को बताया, ‘प्लास्टिक या पॉलिस्टर की परत वाले बैंक नोटों की छपाई का फैसला लिया गया है। मटीरियल की खरीद की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।’ उनसे पूछा गया था कि क्या आरबीआई की तरफ से कागज के नोटों की जगह प्लास्टिक नोट लाने का कोई प्रस्ताव है?

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दरअसल, रिजर्व बैंक फील्ड ट्रायल के बाद लंबे समय से प्लास्टिक करंसी नोट लाने पर विचार कर रहा है। फरवरी 2014 में सरकार ने संसद को बताया था कि फील्ड ट्रायल के तौर पर भौगोलिक और जलवायु विभिन्नताओं के आधार पर चयनित पांच शहरों में 10-10 रुपये के एक अरब प्लास्टिक नोट उतारे जाएंगे। इसके लिए कोची, मैसूर, जयपुर, शिमला और भुवनेश्वर का चयन किया गया था।

प्लास्टिक नोट औसतन पांच सालों तक सुरक्षित रहते हैं और इसका नकल करना भी कठिन होता है। इसके अलावा, ये कागज के नोटों की तुलना में ज्यादा साफ-सुथरे दिखते हैं। सबसे पहले ऑस्ट्रेया ने नोटों को नकल से सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक नोट शुरू किया था।

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एक और सवाल के जवाब में मेघवाल ने कहा कि आरबीआई ने 2015 में बताया था कि उसे 1,000 रुपये के कुछ बैंक नोट मिले जिनमें सिक्यॉरिटी थ्रेड नहीं थे। ये नोट करंसी नोट प्रेस (सीएनपी), नासिक में छपे थे जिनके लिए पेपर सिक्यॉरिटी पेपर मिल (एसपीएम) से आया था। सिक्यॉरिटी प्रिंटिंग ऐंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन (एसपीएमसीआईएल) के साथ-साथ एसपीएम और सीएनपी की ओर से इसकी जांच चल रही है। वित्त राज्य मंत्री ने कहा, ‘संबंधित लोगों को बड़े जुर्माने की चार्जशीट भेजी गई है। विभागीय नियमों के तहत अनुशासनिक कार्यवाही भी शुरू हो चुकी है।’

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मेघवाल ने बताया कि नोटों के मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में क्वॉलिटी प्रोसिजर और ऑनलाइन इन्सपेक्शन को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाया गया है और संबंधित लोगों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। ताकि भविष्य में ऐसी गलतियों से बचा जा सके।