कश्मीर के कथित आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से शुरू हुआ हिंसा का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। डेढ़ महीने से चल रही इस हिंसा में कई लोग मारे जा चुके हैं। केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस सबसे निपटने के लिए 400 उन नेताओं की सूची बनाई है जो हिंसा के लिए लोगों को उकसाने का काम कर रहे हैं।
जम्मू कश्मीर में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों में घी डालने का काम करने वाले इन नेताओं के नामों की लिस्ट सुरक्षा एजेंसियों ने पुलिस को दे दी है। और इन भड़काऊ नेतों को तुरंत पकड़ने का निर्देश दे दिया साथ ही जन सुरक्षा कानून के तहत इन्हें हिरासत में लेने के भी आदेश हैं।
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘सूची में उन स्थानीय नेताओं के नाम है जो 10 से 12 साल के मासूम बच्चों को भी हिंसा के लिए उकसाते हैं। किशोर और युवाओं के साथ इन बच्चों को भी पत्थर फेंकने के लिए उकसाया जाता है। इनमें से ज्यादातर दक्षिणी कश्मीर के अंडरग्राउंड कार्यकर्ता भी हैं जो आतंकियों को छिपाने और अपने घर में पनाह देने का काम करते हैं।’
इंटेलीजेन्स अधिकारियों ने बताया कि इस लिस्ट में हिजबुल मुजाहिदीन के अंडरग्राउंड कमांडर और दूसरे आतंकी संगठनों के लिए काम करने वाले शामिल हैं। इसके अलावा स्थानीय स्तर के संगठनों के साथ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत और जमात-ए-इस्लामी संगठन के सदस्य भी सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर हैं।
कुछ दिनों पहले कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर गए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती से लंबी चर्चा की। सूत्रों के अनुसार राजनाथ ने महबूबा मुफ़्ती से कहा कि कश्मीर में चल रही हिंसा को भड़काने वाले स्थानीय नेताओं पर लगाम लगाना ज़रूरी है। उपद्रवी भीड़ को काबू करने के लिए सुरक्षा बलों का उपयोग करने से अच्छा है कि इन अराजक तत्वों की पहचान कर इन पर नकेल कसी जाए।
सूत्रों ने बताया कि सरकार ईद-उल-जुहा से पहले प्रदेश में शांति का माहौल कायम करना चाहती है और इसके लिए सरकार ने भीड़ का नेत्रत्व करने वालों को जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लेने के निर्देश दिये हैं।