जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एवं सेवा कर) 30 जून की मध्यरात्रि से देश भर (जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) में लागू हो चुका है। इसके तहत 20 लाख तक का व्यापार करने वालों को जीएसटी से मुक्ति मिलेगी। साथ ही 75 लाख तक के व्यापारी को जीएसटी में राहत मिलेगी। जीएसटी भारत की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में बदलाव लाते हुए एकल बाजार में 2,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब लोगों को जोड़ेगी। जीएसटी काउंसिल ने सभी वस्तुओं और सेवाओं को चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) में बांटा गया है। काउंसिल ने 12011 वस्तुओं को इन चार वर्गों में रखा है। बता दें कि इस समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे एस खेहर, वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा तमाम केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे।
पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने घंटी बजाकर पूरे देश में जीएसटी लागू किया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि ‘जीएसटी मेरे लिए भी ऐतिहासिक अवसर है। क्योंकि वित्त मंत्री रहते हुए मैंने इसके लिए काफी पहल की थी।’
लाख तक का व्यापार करने वालों को जीएसटी से मुक्ति। साथ ही 75 लाख तक के व्यापारी को जीएसटी में राहत मिलेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि ‘जीएसटी पर संसद में पहले के सांसदों ने मौजूदा सांसदों ने लगातार चर्चा की और उसी का परिणाम रहा कि आज हम इसे साकार रूप में देख पा रहे हैं।’ पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘आज देश आगे का रास्ता तय करने जा रहा है। जीएसटी हमारी सांझी विरासत है। ये किसी दल की सिद्धी नहीं है। संविधान सभा की तरह जीएसटी भी ऐतिहासिक है। गीता के भी 18 अध्याय हैं और जीएसटी काउंसिल की भी 18 बैठक हुई है। ‘
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