ICJ में जाधव केस : हरीश साल्वे ने ऐसे की पाकिस्तान की बोलती बंद

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नई दिल्ली : भारत ने कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस – ICJ में कहा कि पाकिस्तान की दलीलें ‘विरोधाभासी’ और ‘असंगतियों’ से भरी हुई हैं। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान भारत का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव तक भारत को राजनयिक पहुंच न देकर वियना संधि का घोर उल्लंघन किया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है जिसके खिलाफ भारत ने 9 मई को ICJ कोर्ट में अपील की है।

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सूत्रों ने बताया कि भारत के ज्यादातर आरोपों पर पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई। एक सूत्र ने बताया कि राजनयिक पहुंच को लेकर पाकिस्तान ने कहा कि वियना संधि किसी देश के जासूस की दूसरे देश में गिरफ्तारी की सूरत में नहीं लागू होती। उसकी इस दलील को साल्वे ने विरोधाभासी बताया क्योंकि पाकिस्तान ने राजनयिक पहुंच के लिए इस मामले को एक दूसरे मामले से जोड़कर शर्तें रखी थी जबकि दोनों मामलों का आपस में कोई संबंध ही नहीं था।

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सूत्र ने आगे बताया, ‘साल्वे ने इस ओर ध्यान दिलाया कि एक तरफ तो पाकिस्तान जाधव को मिली ‘क्षमा अवधि’ के कानूनी प्रावधानों की जिक्र कर रहा है तो दूसरी तरफ यह भी कह रहा है कि वह दूसरे देश के कथित जासूसों को सख्त सजा देगा।’ पाकिस्तान ने ICJ में इसका भी हवाला दिया कि जाधव की भारतीय नागरिकता के पुष्ट-प्रमाण नहीं होना भी राजनयिक पहुंच न देने का एक कारण है। हालांकि, साल्वे ने ICJ के सामने जाधव के खिलाफ दर्ज FIR की एक कॉपी रखी जिसमें उसे भारतीय नौसेना का पूर्व कमांडर के तौर पर बताया गया है। सूत्र ने बताया कि साल्वे ने पूछा कि जाधव की पहचान और नागरिकता पर कन्फ्यूजन कैसे हो सकता है।

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