रोहित वेमुला ने दिसंबर 2014 में फेसबुक पर गौरक्षकों की तुलना आतंकवादियों से की थी। हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पीएचडी छात्र वेमुला ने 17 जनवरी 2016 को आत्महत्या कर ली थी। 26 वर्षीय वेमुला ने 12 दिसंबर 2015 को अपने फेसबुक पर लिखा था, “अगर किसी और संगठिन आंदोलन ने इन गौ-दलों की तरह जानें ली होतीं तो उन संगठनों को अब तक आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया गया होता।” पत्रकार निखिला हेनरी ने रोहित वेमुला के साल 2008 के 2016 के बीच लिखे फेसबुक पोस्ट को एक किताब के रूप में संकलित किया है। इस ई-बुक को “#CasteIsNotARumour: The Online Diary of Rohith Vemula” जगरनॉट बुक्स ने प्रकाशित किया है।
अपने एक अन्य फेसबुक पोस्ट में वेमुला ने लिखा है, “जो लोग गाय को अपनी माता मानते हैं और बीफ खाने वालों की हत्या करते हैं उन्हें तत्काल राष्ट्र के लिए खतरा घोषित किया जाना चाहिए और उन्हें सुधार गृह में भेजना चाहिए।” किताब के अनुसार वेमुला को महिलाओं का संगसाथ, कैंपस में घूमना और “जंगल बुक” सीरियल का टाइटल गीत गुनगुनाना अच्छा लगता था।
साल 2013 में 15 अगस्त को वेमुला ने पोस्ट किया था, “आजादी के 67 साल बाद भी वर्गभेद और जातिगत भेदभाव जारी है कि लेकिन हमें अपने “देश से प्यार” करना चाहिए। अगर आप मुस्लिम हैं तो बेहतर है कि किसी हिन्दू से बहस मत कीजिए और अगर आप दलित हैं तो किसी सवर्ण से आंखों से आंखे मिलाकर बात मत कीजिए। इन सबसे सांप्रादियक हिंसा भड़क सकती है। ‘स्वतंत्रता दिवस की बधाइयां!’ आपको अपने देश से प्यार करना चाहिए और आपका देशप्रेम दूसरे देश से नफरत के आधार पर परखा जाएगा। किसी साथी पाकिस्तानी को कोसिए और आपको राष्ट्रवादी मान लिया जाएगा। ”
वेमुला ने अपने फेसबुक पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी, सीपीआई(एम) के नेताओं प्रकाश करता और सीताराम येचुरी, भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीद डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेताओं पर आलोचनात्मक टिप्पणियां की थीं, जो इस किताब में मौजूद हैं।