गौड़ को चार अगस्त 2016 को केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी आयकर विभाग (एचआरडी) प्रदीप ने जो जवाब भेजा उसमें कहा गया, “आपने जो जानकारी चाही है वह उनके कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।”
यहां बताना लाजिमी होगा कि देश में नेाटबंदी से पहले आयकर विभाग के पास जो जिम्मेदारियां थीं, वह तो अब भी है, वहीं नोटबंदी के एलान कि बाद उसकी जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। अब उसे यह भी पता लगाना होगा कि नोटबंदी के बाद कितने बैंक खातों में ढ़ाई लाख से ज्यादा की रकम आई है।
गौड़ ने बताया, “केंद्र सरकार कर संग्रह बढ़ाने की बात करती है, यह ठीक भी है मगर उनके दिमाग में एक सवाल भी था कि क्या सरकार की मंशा को पूरा करने के लिए विभागमें पर्याप्त स्टॉफ है भी या नहीं। इसी हकीकत को जानने के लिए सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। जो जानकारी आई है वह अचरज में डालने वाली है।”