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अग्नि-5 का यह चौथा और निर्णायक परीक्षण था। यह परीक्षण 2 साल बाद किया गया। भारत परमाणु सप्लायर्स समूह (NSG) में प्रवेश का दावा कर रहा है, लेकिन चीन भारत के इस दावे का विरोध कर रहा है। इसके अलावा भारत मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रेजिम का भी सदस्य बन चुका है। मालूम हो कि वाजपेयी सरकार ने भारत के परमाणु बेड़े को मजबूत बनाने और इसके प्रबंधन के मकसद से साल 2003 में SFC का गठन किया गया था।
मध्यम-दूरी तक वार करने की क्षमता वाले पृथ्वी और धनुष मिसाइलों के अलावा SFC ने भारतीय बेड़े में अग्नि-1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइलों को भी शामिल किया। ये मिसाइल जहां मुख्य तौर पर पाकिस्तान की ओर केंद्रित हैं, वहीं अग्नि-4 और अग्नि-5 का फोकस चीन पर है। हालांकि चीन मिसाइल और परमाणु क्षमता में अभी भी भारत से काफी आगे है।
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